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Suicide way to release pain and leave non-healing wounds


पता नहीं क्यूँ एक डर सा है मन में, वाजिब है या निरर्थक आप लोग ही फ़ैसला कर देना । पहले कुछ पूछ लूँ कुछ कहानियाँ सुना लूँ ।

कहीं पढ़ा था मैंने अगर मन चिंतित हो तो लिखना चाहिए पर अब तो बलोग्गेरस कहते हैं ब्लॉग कर दिया करो । सही ही है अपनी चिंता अपने तक रखने से यह बहुत अच्छा है कि लोगों की प्रतिक्रिया जान कर चिंता को चिता पर चढ़ा दूँ । ज़्यादा bore नहीं करूँगी । ज़रूर बताऊँगी आपको। इसलिए तो आज फिर से लिखने बैठी हूँ ।

कुछ दिनों से suicide के बारे में थोड़ी ज़्यादा पढ़ाई हो रही है । और रात में अचानक से जाग कर उठ रही हूँ । बचपन के कुछ ख़ास यादें शायद दिमाग़ के किसी कोने में डर बन कर बैठे हैं ।

मेरे भैया के 12th की परीक्षा और पहली बार ट्रेन में फ़र्स्ट क्लास की journey, साथ थी वो दीदी,भैया की classmate, और सब जा रहे थे BHU का Entrance Exam देने । सब बढ़िया था, उनका चुलबुलापन, मज़ाक़िया अदा, दोस्ताना स्वभाव । आए हुए अभी चार दिन भी नहीं हुए थे वहाँ से 12th के रिज़ल्ट आ गए, सब मिठाइयाँ बाँट रहे थे पर उनके वहाँ उनकी बॉडी को बाथरूम से निकला जा रहा था जो अब मृत था । यह था मेरे जीवन का पहला suicide witness ।

बस दो साल और रुकने के बाद ही अपने ही class में वही कहानी फिर से दोहराई गई । Result out and Acid In । बस अंतर था तो एक कड़वा सच कि वो बच गई । आज भी मुझे अच्छे से याद है जब class XI और XII में सारे लड़के उसका मज़ाक़ उड़ाते थे especially in Chemistry Lab. और उसका फूट फूट के रोना। यह कहानी थी suicide survivors की जो शायद बचने के बाद भी ख़ुशगवार तो बिलकुल नहीं है और बस वही हमारे सामाजिक सोच के कारण ।

और तीसरी कहानी तो शायद आज तक मेरे परिवार को सदमे से नहीं निकाल पाई । अब तक उनके परिवार वालों के आँसू में वही सवाल है कि आख़िर क्यूँ? बिहार बोर्ड के दसवीं की परीक्षा, और रिज़ल्ट आने से पहले ही मेरे cousin brother ने मदद की जगह फाँसी को चुना । घर का अकेला वारिस, एकलौत चिराग़ सब कुछ पैरों के नीचे छोड़ कर हवा में झूल गया ।

मेरी इन तीन कहानियों ने मुझे बहुत डरा दिया है। डर लग रहा है कि कुछ दिन में रिज़ल्ट आने वाले हैं और फिर से किसके यहाँ कौन कैसे ??????

मेरे बस आप सबसे यही अनुरोध है कि जिस भी बच्चे को आप जानते हैं जिसने अभी हाल ही में बोर्ड की परीक्षा दी है और किसी भी कारण से डरा हुआ है, बेचैन है, उदास है, कमज़ोर है, sensitive है, impulsive है, अकेला है, और लगता है कि उसे ज़रूरत है आपकी तो बिलकुल ना जिझकें और उससे ज़रूर बातें करें। वो सब बताते हैं बस उन्हें जानने समझने और सुनने वाला चाहिए ।

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